देव स्मरण के लिए कोई बंधन नहीं होता। हिन्दू मान्यताओं में हर जीव में ही शिव का वास बताया गया है। इसलिए धार्मिक आस्था से चलते-फिरते, उठते-बैठते अच्छे भाव व उद्देश्य से किया गया हर सोच-विचार परब्रह्म शिव को प्रसन्न करने वाला माना गया है।
शास्त्रों में विचार के साथ कर्म का गठजोड़ महत्वपूर्ण बताया गया है। इसलिए बाहरी उपचारों व देव कर्मों से देवताओं को प्रसन्न कर जीवन से जुड़ी अनेक अहम जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करना हितकारी माना गया है।
शिवपुराण में सप्ताह के अलग-अलग दिनों में नवग्रह विशेष की पूजा के विशेष फल बताए गए हैं। जानते हैं -
रविवार - सूर्य पूजा से निरोगी जीवन व यश की कामना पूरी करें।
सोमवार - चन्द्र व शिव पूजा से मानसिक शांति व संपत्ति प्राप्त करें।
मंगलवार - मंगल पूजा रोग शमन के साथ पराक्रम, विवाह सुख देने वाली होती है। वहीं हनुमान पूजा शक्ति, बुद्धि व ज्ञान देती है।
बुधवार - बुध व गणेश पूजा से बुद्धि, विवेक व पुष्टि प्राप्त होती है।
गुरुवार - बृहस्पति, गुरु, विष्णु पूजा से आयु, ज्ञान, ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
शुक्रवार - देवी व शुक्र पूजा से सभी भौतिक सुख, धन व भोग प्राप्त होते हैं।
शनिवार - शनि पूजा सभी मृत्यु तुल्य कष्टो व काल से रक्षा कर सुख-सौभाग्य देती है।
शास्त्रों में विचार के साथ कर्म का गठजोड़ महत्वपूर्ण बताया गया है। इसलिए बाहरी उपचारों व देव कर्मों से देवताओं को प्रसन्न कर जीवन से जुड़ी अनेक अहम जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करना हितकारी माना गया है।
शिवपुराण में सप्ताह के अलग-अलग दिनों में नवग्रह विशेष की पूजा के विशेष फल बताए गए हैं। जानते हैं -
रविवार - सूर्य पूजा से निरोगी जीवन व यश की कामना पूरी करें।
सोमवार - चन्द्र व शिव पूजा से मानसिक शांति व संपत्ति प्राप्त करें।
मंगलवार - मंगल पूजा रोग शमन के साथ पराक्रम, विवाह सुख देने वाली होती है। वहीं हनुमान पूजा शक्ति, बुद्धि व ज्ञान देती है।
बुधवार - बुध व गणेश पूजा से बुद्धि, विवेक व पुष्टि प्राप्त होती है।
गुरुवार - बृहस्पति, गुरु, विष्णु पूजा से आयु, ज्ञान, ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
शुक्रवार - देवी व शुक्र पूजा से सभी भौतिक सुख, धन व भोग प्राप्त होते हैं।
शनिवार - शनि पूजा सभी मृत्यु तुल्य कष्टो व काल से रक्षा कर सुख-सौभाग्य देती है।
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