हमारे जीवन की हर एक समस्या का निवारण मात्र भगवान की प्रार्थना से ही संभव है। कर्मों के साथ ही भगवान की कृपा प्राप्त होने पर मुश्किल कार्य भी आसानी से पूर्ण हो जाता है। सुख-शांति बनी रहे इसके लिए सभी के घरों में भगवान का एक मंदिर अवश्य ही रहता है। घर के मंदिर में कौन से भगवान की कितनी प्रतिमाएं रखनी चाहिए? इस संबंध में शास्त्रों में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
सभी के घरों में भगवान के लिए भी यथाशक्ति अलग घर या मंदिर अवश्य होता है। मंदिर में अपने इष्ट देव की मूर्ति, तस्वीर, पूजा का अन्य सामान रखा जाता है। भगवान की मूर्तियों की संख्या के संबंध में ये विशेष बातें शास्त्रों में बताई गई हैं-
- घर के मंदिर में श्रीगणेश की 3 प्रतिमाएं नहीं होना चाहिए। गणपति की मूर्ति होना जरूरी है लेकिन इनकी मूर्तियों की संख्या 3 नहीं होना चाहिए। गणेशजी की मूर्तियों की संख्या 3 अशुभ मानी जाती है।
- मंदिर में दो शिवलिंग नहीं होना चाहिए तथा शिवलिंग अंगूठे के आकार का होना चाहिए। घर के मंदिर में एक ही शिवलिंग रखना श्रेष्ठ फल देता है। एक से अधिक शिवलिंग रखना शास्त्रों के अनुसार वर्जित है।
- किसी भी देवी या माताजी की 3 प्रतिमाएं नहीं रखें। इनकी संख्या भी 3 नहीं होना चाहिए।
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