आज श्रीकूर्म जयंती है |
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समुद्र मंथन का प्रसंग हम सभी ने अनेक माध्यमों से सुना - पढा - समझा है |
जब देवताओं व दैत्यों ने अमृत प्राप्ति के लिये मंदराचल पर्वत को मथनी व नागराज वासुकि को रस्सी बनाकर मंथन आरंभ किया तो मंदराचल समुद्र में धँसने लगा तब श्रीहरि ने कूर्म (कच्छप) अवतार लिया और मंदराचल का आधार बने तब सभी ने मिलकर समुद्र मंथन किया | आगे की कथा तो आप सभी जानते ही हैं लेकिन ये कम ही लोग जानते होंगे कि आज ही का वह पवित्र दिन है जब श्रीहरि ने "कूर्मावतार" लिया था | "कूर्मावतार" श्रीहरि के प्रधान दस अवतारों में दूसरा कहा गया है |
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|| ॐ नमो नारायणाय ||
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समुद्र मंथन का प्रसंग हम सभी ने अनेक माध्यमों से सुना - पढा - समझा है |
जब देवताओं व दैत्यों ने अमृत प्राप्ति के लिये मंदराचल पर्वत को मथनी व नागराज वासुकि को रस्सी बनाकर मंथन आरंभ किया तो मंदराचल समुद्र में धँसने लगा तब श्रीहरि ने कूर्म (कच्छप) अवतार लिया और मंदराचल का आधार बने तब सभी ने मिलकर समुद्र मंथन किया | आगे की कथा तो आप सभी जानते ही हैं लेकिन ये कम ही लोग जानते होंगे कि आज ही का वह पवित्र दिन है जब श्रीहरि ने "कूर्मावतार" लिया था | "कूर्मावतार" श्रीहरि के प्रधान दस अवतारों में दूसरा कहा गया है |
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|| ॐ नमो नारायणाय ||
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