Sunday, 6 May 2012


|| धम्मं शरणं गच्छामि ||
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आज है वैशाख शुक्ल पू्र्णिमा....बुद्ध पू्र्णिमा...पीपल पू्र्णिमा,
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वह दिन जब राजकुमार गौतम बोध को प्राप्त हुए और और वे "तथागत बुद्ध" कहलाये |
इस दिन को पीपल पू्र्णिमा इसलिए कहते हैं क्योंकि भगवान गौतम बुद्ध का संपूर्ण तप पीपल के सान्निध्य में ही हुआ था | इसीलिये बौद्ध मत में भी पीपल की अत्यधिक मान्यता है | पीपल को श्रीमद्भगवद्गीता के दसवें अध्याय में भगवान कृष्ण ने अपना ही स्वरूप बताया है (अश्वत्थ सर्ववृक्षाणां.), और शास्त्र में पीपल के सान्निध्य में किए गए जप, तप, ध्यान आदि को अत्यन्त फलदायी बताया गया है और बुद्धावतार में स्वयं भगवान ने इसे प्रमाणित भी कर दिया है |
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शास्त्र में पीपल पू्र्णिमा को "स्वयंसिद्ध अबूझ मुहू‌र्त्त" बताया गया है | आज का दिन यज्ञ, दान आदि सभी मांगलिक कार्यों के लिए भी अत्यन्त पुण्यदायी बताया गया है | आशा है आप सभी इस अवसर का लाभ उठायेंगे |
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आप सभी को शुभकामनायें...

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