Tuesday, 25 December 2012

!! गोविंद दामोदर स्तोत्र !!



करारविन्देन पदारविन्दं
मुखारविन्दे विनिवेशयन्तं !
वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं
बाल मुकन्दं मनसा स्मरामि !1!!

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेव !
जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव
गोविन्द दामोदर माधवेति !2!!

विक्रेतुकामा किल गोपकन्या
मुरारिपादार्पितचित्तवृति: !
दध्यादिकं मोहवशादवोचद्
गोविन्द दामोदर माधवेति !3!!

गृहे गृहे गोपवधुकदंबा:
सर्वे मिलित्वा समवाप्य योगं !
पुण्यानि नामानि पठन्ति नित्य
गोविन्द दामोदर माधवेति !4!!

सुख शयना निलये निजेअपि
नामानि विष्णोः प्रवदन्ति मत्:र्या: !
ते निश्चितं तन्मयतां व्रजदन्ति
गोविन्द दामोदर माधवेति !5!!

जिह्वे सदैवं भज सुन्दराणि
नामानि कृष्णस्य मनोहराणि !
समस्त भक्तार्तिविनाशनानि
गोविन्द दामोदर माधवेति !6!!

सुखावसाने इदमेव सारं
दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम !
देहावसाने इदमेव जाप्यं
गोविन्द दामोदर माधवेति !7!!

श्रीकृष्ण राधावर गोकुलेश
गोपाल गोवर्धननाथ विष्णो !
जिह्वे पिबस्वामृतमेतदेव
गोविन्द दामोदर माधवेति !8!!

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इस स्तोत्र का जाप रोज संध्या करते समय करना चाहिए, इसका नित्य जाप करने से भगवान गोविन्द (कृष्ण) की कृपा होती है और पारिवारिक क्लेशो से छुटकारा मिलता है, व घर व परिवार में शान्ति बनी रहती है |

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